BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Tuesday, August 7, 2012

“कील चुभी वो नहीं विलग ”





“कील चुभी वो नहीं विलग ”
वे कहते हैं सब भूल गये
हम कहते कुछ भी याद नहीं
कारण मैंने भी किया वही
जो उसने पिछले साल किये
अब उसके भी एक आगे है
मेरे भी पीछे बाँध दिए !!
रस्में पूर्ण समाज ख़ुशी
हम भी फिरते हैं ख़ुशी ख़ुशी
हुए मुखरित अंकुर दूर सहज
पर कील चुभी वो नहीं विलग !!
अब कील चुभी दो हाथ मिले
संतुष्ट सभी कुछ आस हिये
लुट जाओ उनका हार बने
रोको मोती ना डूब मरे !!
वे भूले क्या ? जब ध्यान करें
क्या याद नहीं ? हम याद करें
आधार एक छवि एक मिली
दो प्राणों की है एक जमीं !!
मरोड़ दो छोड़ दो वहीँ नव-पल्लव को
ये आहें सांसें लेने को शीश उभर आया है ,
पी जाओ विष हैं ठीक कहे ,
है समता ,हम भी भूल गए !!
(पहला प्यार भूलता कहाँ है )
जब कभी भी किसी पड़ाव पर जिन्दगी की राहों में वे पुनः मिल जाते हैं दिल खिल जाते हैं आँखें बरबस ही न जाने क्या क्या कह शिकवा शिकायत कर जाती हैं वो खुशनुमा मंजर प्यारा अहसास एक एक दृश्य फिर से नयनों में तैर जाता है और दिल कभी खुश हो लहर लहर लहराता है तो कभी बोझिल हो गम सुम सा बस देखता रह जाता है पहला प्यार भूलता कहाँ है ………….
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
कुल्लू यच पी
१.०० पूर्वाह्न ७.८.२०१२




दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

17 comments:

  1. सच कहा आपने...
    सुन्दर रचना...सुन्दर भाव...

    सादर
    अनु

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  2. पहला प्यार भूलता कहाँ है,,,,आपने सही कहा ,,,,

    RECENT POST...: जिन्दगी,,,,

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  3. उसको न ढूंढ सका कोई नेट, ऑरकुट ,

    ता उम्र जिसे ढूंढा किया ,पहला प्यार था ... बढिया रचना है ...भूलने की ना -कामयाब कोशिश में ...तुम और करीब आ जाते हों ,क्यों इस कदर सताते हो .. कृपया यहाँ भी पधारें -

    ram ram bhai

    मंगलवार, 7 अगस्त 2012

    भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से

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  4. संवेदनशील रचना |
    बधाई भाई ||

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  5. किसी याद करूं किसे भूलूँ ,दुविधा में झूलूँ ,वक्त करेगा फैसला ,समय करे नर क्या करे ,समय समय की बात ,किसी समय के दिन बड़े ,किसी समय की रात .मेरे ब्लॉग पे आके टिपण्णी कहने के लिए आभार .

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  6. आदरणीया अनु जी रचना पहले प्यार की कुछ सच्चाई बयान कर पायी सुन ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर ५

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  7. आदर्णीय धीरेन्द्र जी प्रोत्साहन के लिए आभार
    भ्रमर ५

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  8. आदर्णीय वीरू भाई जी राम राम बड़े दिन बाद आप के दर्शन से ख़ुशी हुयी प्रोत्साहन के लिए आभार
    भ्रमर ५

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  9. आदरणीय वीरू भाई जी राम राम आप दोबारा पधारे स्वागत है पहला प्यार रम ही जाता है बरबस बुलाता है
    भ्रमर ५

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  10. डॉ मोनिका जी रचना कुछ मन के सरल भावों को व्यक्त करने में सक्षम रही आप से स्नेह मिला आभार
    भ्रमर ५

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  11. प्रिय रविकर भ्राता जी पहले प्यार की संवेदनशीलता आप के मन को छू सकी लिखना सार्थक रहा
    आभार
    भ्रमर ५

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  12. अनुपम भाव लिए बेहतरीन प्रस्‍तुति।

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  13. आदरणीय दिलबाग जी जय श्री राधे ये रचना आप के मन को छू सकी पहला पहला प्यार है ....बहुत अच्छा लगा ..आप ने इसे चर्चा मंच के लिए चुना मन खुश हुआ
    आभार
    भ्रमर ५

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  14. आदरणीया सदा जी जय श्री राधे ये रचना आप के मन को छू सकी ..आप ने इसे सराहा मन खुश हुआ
    आभार
    भ्रमर ५

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  15. सच कहा,पहला प्यार भूलता नहीं कोई.
    अपनी सुगंध लिये ताउम्र साथ महकता है.

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  16. भ्रमर का दर्द और दर्पण में पधारने के लिए आप का आभार
    डॉ उर्मिला जी जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५